स्तोत्र पारायण प्रशिक्षण सत्र

Free Class - Stotra Chanting: स्तोत्र पारायण प्रशिक्षण सत्र [भगवत्स्तोत्राणि]

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Instructor: Walushka BahugunaLanguage: Hindi

Description 

भगवान् भक्ति से ही प्रसन्न होते हैं न कि हमारे धन, विद्या, जाति, बल आदि से।

भक्त्या तुष्यति केवलं न तु धनैर्भक्तिप्रियो माधवः॥

भगवान् के स्तोत्रों के पठन, श्रवण और कण्ठस्थीकरण से मनुष्यों में जो श्रद्धा के बीज अन्तर्निहित हैं वे दृढ होते हैं। आध्यात्मिक चिन्तन का उद्भव होता है, अन्तःसत्त्व बढता है तथा प्रकाशित होता है। स्तोत्र को कण्ठस्थ करने से एकाग्रता की प्राप्ति होती है, उच्चारण में स्पष्टता आती है और स्मरण शक्ति बढती है। भगवान् के स्तोत्रों को केवल पढने मात्र से पुण्य का अर्जन होता है, मन तथा वातावरण सब परिशुद्ध हो जाता है। जैसे बीज कालान्तर में वृक्ष बन जाता है वैसे ही स्तोत्र पारायण से श्रद्धा रूपी बीज कालान्तर में भक्ति-ज्ञान-विवेक-विज्ञान और आनन्द रूपी विविध फलों से परिपूर्ण एक दिव्य विशाल वृक्ष बन जाता है।

पूजाकोटिसमं स्तोत्रं स्तोत्रकोटिसमो जपः।
जपकोटिसमं ध्यानं ध्यानकोटिसमो लयः॥

भगवदंशभूत सभी मानव भगवद् आराधना के अधिकारी हैं, अतः भगवान् की कृपा से जीवन यात्रा का लक्ष्य प्राप्त कर मानवता को सफल कर सकते हैं।