Advaita Vedanta Darshan: 'दृग दृश्य विवेक' द्वारा अद्वैत की व्याख्या

Advaita Vedanta Darshan: 'दृग दृश्य विवेक' द्वारा अद्वैत की व्याख्या

This course starts on 15th November

Course video every Friday, Monday, Wednesday

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₹1,999

₹2,499

Instructor: Vishal ChaurasiaLanguage: Hindi

About the course

 “क्या आप इन प्रश्नों के उत्तर खोज रहे हैं?”

  1. जीवन का वास्तविक लक्ष्य क्या है?
  2. क्या ये संसार सच में मिथ्या है?
  3. अद्वैत वेदान्त के अनुरूप जीवन कैसे जिया जाता है?
  4. मैं और ये संसार एक कैसे हो सकते हैं ?

तो आज ही जुड़ें वेदान्त [उपनिषदों] के अद्वैत दर्शन से!

अद्वैत वेदांत सनातन धर्म के सबसे प्रशंसित और गहरे दर्शनों में से एक है। अद्वैत वास्तविकता की अद्वितीयता को समझाने के लिए है, यह दृश्य और दृष्टा को एक ही मानता है। यह मानता है कि अस्तित्व का वास्तविक सार जगत और चेतना की अभिन्न एकता है। इस दर्शन की स्थापना और प्रसार जगतगुरु आदि शंकराचार्य जी ने की थी जो भारतीय इतिहास में सनातन धर्म के ध्वजावाहक रहे हैं । अतः यह दर्शन सनातन धर्म की समझ के लिए आधारभूत है, जो आत्म-साक्षात्कार की ओर प्रथम कदम है । 

इस कोर्स में शिक्षक विशाल चौरसिया "दृग दृश्य विवेक" ग्रंथ के हर एक श्लोक की सरल, स्पष्ट, और आधुनिक व्याख्या करेंगे — "दृग दृश्य विवेक" ४६ सारगर्भित श्लोकों का अद्वितीय ग्रंथ है जो दृष्टा और दृश्य के बीच संबंध का विश्लेषण कर संपूर्ण सृष्टि के नानात्व में अंतर्निहित अद्वैयता का प्रतिपादन करता है । 

चाहे आप भारतीय दर्शन में नए हों या अपनी यात्रा को गहरी कर रहे हों, यह कोर्स अद्वैत के मूल सिद्धांतों को स्पष्ट करेगा और अद्वैत वेदान्त को व्यवहार में लाने हेतु सहायक होगा ।

 

“आप इस कोर्स में क्या सीखेंगे”

  1. दृग दृश्य विवेक ग्रंथ के सभी ४६ श्लोकों का अर्थ 
  2. अद्वैत वेदांत के मुख्य सिद्धांत – “दृष्टा” और “दृश्य” कि बीच के संबंध को । 
  3. अद्वैत की प्राचीन दार्शनिक परंपरा का बोध
  4. अद्वैत वेदान्त का  व्यावहारिक अनुप्रयोग

 

आज ही जुड़ें एवं ज्ञान और दर्शन की इस समृद्ध यात्रा पर निकलें। 

  • Course Start Date: 15 Nov 2024
  • Course Taken By: Vishal Chaurasia

यदि आपको कोई समस्या हो course में enrol करते समय या course में enrol करने के बाद, आप हमें +91 -9910032165 पर कॉल कर सकते हैं । या हमें support@shikshanam.in पर लिखें।